ये गर्भस्थ शिशु की प्रस्तर प्रतिमा कुंददम वादककुनाथ स्वामी मन्दिर की एक दीवाल पर उकेरी हुई है। कल्पना करें X-RAY की खोज से हजार साल पहले ये जानकारी उस समय के लोगों को कैसे मिली होगी।
मन्दिर की दूसरी दीवारों पर भी गर्भस्थ शिशु के हर महीने की पोजिशन की प्रतिमा उकेरी हुई है।
सनातन हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन पहला और आखरी वैज्ञानिक धर्म है,
सनातन ने ही दुनिया को विज्ञान दिया दृष्टि दी जीवन जीने की कला दी,सहित्य दिया, संस्कृति दी, विज्ञान दिया, विमान शास्त्र दिया, चिकित्सा शास्त्र दिया, अर्थ शास्त्र दिया,
इसीलिए कहता हूँ,
सनातन धर्म सा धर्म नही दुजा।
सनातन धर्म लाखो वर्षों से वैज्ञानिक अनुसंधान करता आया है,
हमारे ऋषि मुनियों ने विज्ञान की नींव रखी है,
सनातन ऋषियों ने अपनी हड्डिया गलाकर दुनिया को विज्ञान ओर अनुसंधान के दर्शन कराए है।
पूरी दुनिया कभी सनातन के ऋषी मुनियो के ऋण से मुक्त नही हो पाएगी इतना दिया है दुनिया को हमारे ऋषि मुनियों ने।
गर्व से सीना फुलाकर कहता हूँ,
हाँ मैं उन्हीं वैज्ञानिक ऋषिमुनियों की संतान सनातनी हिन्दू हूँ, इस बात का गर्व है मुझे।
कुंददम कोयम्बटूर से करीब ८० किलोमीटर की दूरी पर है।
संकलन -वशिष्ठ जी महराज गुरूजी
Vashishth Ji Maharaj Guruji