तवन घर चेतिये रे भाई जहां से आवागमन का बंधन छूट जाई

उस घर के लिए चेत करो जहां पहुंचने के बाद जन्म और मृत्यु का बंधन कट जाए स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी महाराज
प्रयागराज परमहंस आश्रम श्रृंगवेरपुर धाम में बुधवार को परम पूज्य स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी महाराज सत्संग के दौरान एक कबीर के पद तवन घर चेतिए रे भाई
आध्यात्मिक व्याख्या प्रस्तुत की
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि उस घर के लिए चेत करो जहां पहुंचने के बाद जन्म और मृत्यु का बंधन कट जाए
उस घर में पहुंचने वाले महापुरुष की सेवा में स्वर्ग आदि देवता सेवा में लग जाते हैं
उस घर में किसी प्रकार का झाड़ फूंक मंत्र तंत्र कुछ नहीं होते हैं भूत प्रेत बाधा कुछ नहीं होता है वहां केवल एक नाम का जाप कि लौ जलती रहती है और उस घर में लक्ष्मी जी झाड़ू लगाती है शंकर कोतवाली करते हैं ब्रह्म टहल करते हैं विष्णु रखवाली करते हैं इसलिए कबीरदास जी कहते हैं कि हे साधक उस घर के लिए चेत करो जहां जाने के बाद सहज स्वरूप की प्राप्ति हो जाती है यह क्रियात्मक पथ है यह एक आश्चर्य है इस पर चल कर के भी कोई साधक प्रवेश पा जाता है जहां जाने के बाद उसके आवागमन का बंधन हमेशा हमेशा के लिए टूट जाता है सत्संग के अंत में पूज्य स्वामी जी ने बताया की श्रीमद्भगवद्गीता भाष्य यथार्थ गीता को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य हर मनुष्य को हर भक्त को करना चाहिए क्योंकि अगर किसी के पास यह धर्मशास्त्र है तो संसार में कोई भी प्राणी मनुष्य को धर्म की राह से भटका नहीं सकता क्योंकि गीता की जो सास्वत व्याख्या है वह केवल यथार्थ गीता में निहित है इसलिए प्राणी मात्र का धर्मशास्त्र केवल यथार्थ गीता है इस अवसर पर वितरागानंद जी महाराज, आनंद जी महाराज, जयश्री महराज, संतोष जी महाराज, आशीष जी महाराज, लाले जी महाराज, सोहम जी महाराज, भावानंद जी महाराज, कुंवर जी महाराज, पठन्तानंद जी महाराज, कौशल जी महाराज, डॉ विपिन सिंह,सहित अन्य संत मौजूद रहे