एड्स लाइलाज ,जागरूकता व वचाव ही उपचार, डा. वीएस उपाध्याय

* एड्स लाइलाज है,जागरूकता व बचाव ही उपचार है- डा वी एस उपाध्याय*


 


लायन्स क्लब जौनपुर द्वारा विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आशादीप हास्पिटल के सभागार मे एड्स जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ, संस्थाध्यक्ष अमित पाण्डेय ने आये हुए लोगो का स्वागत किया। 


वरिष्ठ ह्रदय व डायबिटीज रोग विशेषग डा वी एस उपाध्याय ने एड्स के प्रति जागरूक करते हुए विस्तार से बताया कि एड्स एच.आई.वी. नामक विषाणु से होता है। संक्रमण के लगभग 12 सप्‍ताह के बाद ही रक्‍त की जॉंच से ज्ञात होता है कि यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर चुका है, ऐसे व्‍यक्ति को एच.आई.वी. पोजिटिव कहते हैं। एच.आई.वी. पोजिटिव व्‍यक्ति कई वर्षो (6 से 10 वर्ष) तक सामान्‍य प्रतीत होता है, और सामान्‍य जीवन व्‍यतीत कर सकता है, लेकिन दूसरो को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है। यह विषाणु मुख्‍यतः शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले रक्‍त में मौजूद टी कोशिकाओं (सेल्‍स) व मस्ति‍ष्‍क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्‍हे नष्‍ट करता रहता है कुछ वर्षो बाद (6 से 10 वर्ष) यह स्थिति हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना बचाव नहीं कर पाता और तरह-तरह का संक्रमण (इन्‍फेक्‍शन) से ग्रसित होने लगता है इस अवस्‍था को एड्स कहते हैं।


आगे डा उपाध्याय ने एड्स रोग फैलने के कारण बताये कि एच.आई.वी. संक्रमित व्‍यक्ति के साथ यौन सम्‍पर्क से,एच.आई.वी. संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरो के द्वारा प्रयोग करने सें,एच.आई.वी. संक्रमित मां से शिशु को जन्‍म से पूर्व, प्रसव के समय, या प्रसव के शीघ्र बाद,एच.आई.वी. संक्रमित अंग प्रत्‍यारोपण से। एक बार एच.आई.वी.विषाणु से संक्रमित होने का अर्थ है- जीवनभर का संक्रमण एवं दर्दनाक मृत्‍यु। आगे डा उपाध्याय ने एड्स से बचाव के बारे मे बताया कि जीवन-साथी के अलावा किसी अन्‍य से यौन संबंध नही रखे। यौन सम्‍पर्क के समय कण्‍डोम का प्रयोग करें। मादक औषधियों के आदी व्‍यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें। एड्स पीडित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्‍योंकि उनसे पैदा होने वाले‍ शिशु को यह रोग लग सकता है। रक्‍त की आवश्‍यकता होने पर अनजान व्‍यक्ति का रक्‍त न लें, और सुरक्षित रक्‍त के लिए एच.आई.वी. जांच किया रक्‍त ही ग्रहण करें। डिस्‍पोजेबल सिरिन्‍ज एवं सूई तथा अन्‍य चिकित्‍सीय उपकरणों का 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणुरहित करके ही उपयोग में लेवें, तथा दूसरे व्‍यक्ति का प्रयोग में लिया हुआ ब्‍लेड, पत्‍ती, रेज़र काम में ना लें। एड्स-लाइलाज है- जागरूकता व बचाव ही उपचार है ।


                    इस अवसर पर कैबिनेट सचिव सै. मो. मुस्तफा, रीजन चेयरमैन शत्रुन मौर्य, जोन चेयरमैन अशोक मौर्य, रामकुमार साहू, संजय श्रीवास्तव,  मनोज कुमार, महेन्द्र सेठ, मोहसिन रज़ा, सुरेश चन्द्र गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे,





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Ln.Amit pandey


       President 


Lions club Jaunpur
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