महापुरुष होते हैं सच्चे मार्गदर्शक

🚩🚩।। ऊँ जय गुरुदेवम् ।।🚩🚩
•••••••••••••••••••••••••••••••वैसे तो परमात्मा का कोई भी स्वरुप और आकार नहीं होता , लेकिन उनका पावन-दर्शन हमें स्थूल शरीर के रूप मे आदि काल से होता आया है । वह स्थूल शरीर योगी- जनों का होता है जिन्होने संसार से विपरीत चलकर कठिन साधना के द्वारा अपने निज स्वरूप को जाना। हमारे लिए वे सच्चे मार्गदर्शक होते आए हैं । उनकी कही गई एक एक बातें आँखो देखा हाल होता है । कोई पुस्तकीय ज्ञान नही होता । 
वैसे योगीजनों को हम केवल महापुरुष समझकर भूल तो करते ही है, अपने आपको भ्रम मे रखा करते हैं । सच पूछिये तो वे परमात्मस्वरुप मे स्थित स्वयं परमात्मा की परछाईं ही हैं । अपनी भूल सुधारकर यदि हम उनके बताए रास्ते पर चलें तो एक दिन हमे भी वह परम स्थिति मिल ही जाने वाली है । और अगर धोखे मे ही रह गये तो फिर चौरासी  मे भटकने के लिए मजबूर ही रहेगे । परम पूज्य संत स्वामी अडगडानंद जी महाराज