साधु संगत में ईश्वरीय चर्चा,शिवपुर ग्राम में भक्ति भाव की बह रही ज्ञान गंगा

मड़ियाहू। जौनपुर। साधु संगत में ईश्वरीय चर्चा रविवार दोपहर में ग्राम शिवपुर में श्री लक्ष्मी नारायण महायग्य एवं मानस सम्मेलन स्थल पर शुरु हुई। भक्ति धारा कुछ देर तक चली तो कुछ देर तक ज्ञान मार्ग पर चर्चा चली। रामचरित मानस का सन्दर्भ लिया गया। त्रिभुवन दास जी महाराज देवरिया आश्रम नियार वाराणसी के संत ने कहां कि गृहस्थ जीवन में भगवान का स्मरण करके सहजता से ईश्वर को जाना जा सकता है। परमात्मा सर्वत्र विराजमान हैं। भक्त प्रकृति में ईश्वर को देखता है मानता है जानता है। समर्पण है आसारा है विश्वास है। भक्त को जल्द ही ईश्वर की अनुभूति मिलने लगती है और मुक्ति के द्वार की राह आसान हो जाती है। शिशु सिर्फ रोता है। भूख लगी तब रोया, कपड़े गीले हुए तब रोया, माँ पूरी तरह से बच्चे पर ध्यान देती है। किसी भी प्रकार के बला से बच्चे को बचाने का भरसक प्रयास करती है। भगवान भी भक्त पर सदैव मेहरबान रहता है पल,पल की सुधि लेता रहता है। ज्ञानी आत्म निर्भर होता है। ज्ञान मार्ग कठिन है जिस पर चलकर मोक्ष पाना आसान नहीं होता। महाराज जी ने कहां कि माया एक जाल है। बंधन है जिससे छुटकारा पाने के लिए संत के पास साधन है जिसके माध्यम से मनुष्य जीव अपने निजधाम को प्राप्त कर सकता है। कहीं जाना है यात्रा करनी है तो साधन पर सवार होकर जाया जाता है। ईश्वरीय राह पर चलना है तो संत के बताये हुए साधन को अपनाना होगा। मन को कैसे रोका जाय इस पर भी चर्चा हुई। संसार प्रपंच है। जीव इसी में उलझा हुआ है,मन भरमाये हुये है। मन को सदैव अच्छे कार्य में लगाये रहने से पवित्रता आती है ईश्वरीय सुकून और शांति का अहसास होने लगता है।यज्ञ तीस जनवरी से शुरु होगा और 9 फरवरी तक चलेगा। यज्ञ की तैयारी जोर, शोर से चल रही है। यज्ञ मंडप बनने का कार्य प्रगति पर है। साधु और महात्माओ ने डेरा डाल दिया है, भजन,भाव शुरु है। संत दर्शन को दूर, दूर से भक्त आने लगे हैं। आज टीडी कालेज के प्रबंधक अशोक सिंह,चन्द्रप्रकाश सिंह पप्पू, सत्यप्रकाश सिंह मुन्ना, पूर्व विधायक मड़ियाहू श्रद्धा यादव, सरदार सिंह, अशोक सिंह,चन्द्रशेखर सिंह,अरविंद सिंह जफराबाद,राजबहादुर सिंह, योगेश श्रीवास्तव, परिहार जी सहित अनेक भक्तों ने महाराज जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिये।