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*ॐ श्री सत गुरुदेव भगवान की जय !*
*ॐ श्री परमात्मने नमः!!*
*!! भजन कैसे करें !!*
*आत्मिक पूजी कैसे प्राप्त करें ।*
*कबिरा हरि के रूठीए , गुरु की शरण जाए ।*
*कहे कबीर गुरु रूठिये , हरि नहीं होत सहाय ।।*
*यह तन विष की बेलरी , गुरु अमृत की खान ।*
*शीश दिए सतगुरु मिले , तबहु सस्ता जान ।।*
मनुष्य अपने जीवन में बहुत कुछ पाना चाहता है । वो खोना नहीं चाहता , आदमी पाना चाहता है , लेकिन वास्तविकता यह है कि जीवन भर पाने वाला मनुष्य अंत में खाली हाथ बिदा होता है । मतलब सब कुछ खोके । सभी मनुष्य महापुरुषों ने एक ही बात कही । बिना आत्मिक संपत्ति के न तो भौतिक क्षेत्र सफल रहा है और ना आध्यात्मिक क्षेत्र आपके पास पैसा है । आप उस पैसे से शराब भी पी सकते हैं दूध भी पी सकते हैं दोनों में सहयोग करता है । आत्मिक संपत्ति दोनों क्षेत्र में हमारा सहयोग करती है । और बगैर आत्मिक संपत्ति के सृष्टि में आज तक कोई व्यक्ति न विकास कर सका है और न कर सकेगा । जितना आत्मिक संपत्ति आपके पास है उतनी व्यवस्था में आपका जन्म हो गया । आपने जीवन भर प्रयास किया लेकिन आप वही का वही हैं आगे नहीं बड़े ? क्योंकि हमारे अंदर जब तक आत्मिक शक्ति नहीं हम विकास नहीं करेंगे । लाले महाराज शक्तेशगढ मिर्जापुर उत्तर प्रदेश भारत
*ॐ !! भक्ति धारा !! ॐ*