जान है तो जहान है वरना शमशान है,कोरोना वायरस के बचाव में लगे हैं ईश्वर के लोग, जब पुजारी को बचाने के लिये ईश्वर ने भेजा उडनखटोला

*समसामयिक कहानी*।ध्यान से पढ़ें।


                प्रशासन ने ऐलान करवाया - " *गाँव में बाढ़ आने वाली है । सभी गाँव खाली कर उँची जगह चले जांए*। " घोषणे को सनते ही सभी गाँव वाले अपने जरूरी सामान व पालतू मवेशियों को लेकर गाँव खाली कर सुरक्षित जगह चले गये।


              एक व्यक्ति जो मंदिर का पुजारी था और मंदिर परिसर में ही बने मकान में रहता था , उसका ईश्वर पर अनन्य श्रद्धा व विश्वास था। घोषणा को सुनने के बाद उसके पड़ोसी उसे अपने साथ चलने को समझाते रहे पर वह उनके साथ नहीं गया। *उसका एक ही जवाब था कि मुझे मेरे प्रभु पर बहुत विश्वास है....वे मुझे बचा लेंगे।मुझे डूबकर मरने नहीं देंगे।*


                      जब यह बात गाँव के सरपंच व मुखिया ने सुनी तो उन्होंने भी आकर उसे बहुत समझाया पर वह नहीं माना...और वहां से नहीं गया।


                     बाढ़ का पानी बढ़ता गया और बढ़ते - बढ़ते उसके घर में घुस गया।जब घर के अन्दर ही कमर से ऊपर पानी हो गया तो वह घर की छत पर चढ़ गया। *राहत कार्य में लगे कुछ बचाव कर्मी की नजर जब छत पर फंसे पुजारी पर पड़ी तो वे नाव लेकर उसको बचाने आये पर पुजारी जी ने उनके साथ भी जाने से इनकार कर दिया* ।वह यही रटे जा रहा था कि मुझे भगवान पर पूरा विश्वास है। भगवान मुझे बचा लेंगे।


          बाढ़ का पानी बढ़ता गया और जब पानी छत को छूने लगा तब *हेलीकाप्टर से बचावकर्मी उसको बचाने आये पर वह उनके साथ भी जाने से इनकार कर दिया और बोला मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है भगवान मुझे बचा लेंगे।*
          
        बाढ का पानी और बढ़ा ।मकान गिरकर बह गया और *पुजारी जी भी बाढ़ के पानी में डूब कर मर गये*।


                  मरने के बाद ईश्वर के पास पहुंच कर पुजारी जी ने उनसे शिकायत की। उसने ईश्वर से गुस्से से कहा कि आप कहते हैं कि *जो मेरा भक्त है मैं उसका बाल भी नहीं बांका नहीं होने देता।मैं भी तो आपका भक्त हूं।दिन रात आपके नाम की माला जपता रहा।मैंने आप पर पूरा भरोसा किया फिर भी आपने मेरी रक्षा नहीं की।आपने मुझे डूबने से क्यों नहीं बचाया..?*


               भगवान मुस्करा कर बोले - " *आया तो था तुझे बचाने ... कभी पड़ोसी के रूप में तो कभी सरपंच व मुखिया के रूप में...।नाव व हेलीकॉप्टर लेकर भी तो मैं ही गया था न बचाव कर्मी के रूप में ....पर तूने मेरी बात कहां मानी?तू मुझे पहचाने से चूक गया।क्या तू भूल गया कि ना जाने किस वेष में नारायण मिल जाए। तुम केवल अपनी मूर्खता के कारण डूबे हो।मेरा इसमें कोई दोष नहीं।* " 
              
           इतना सुनते ही पुजारी जी को अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ और *उनका सर शर्म से झुक गया*। 


 मित्रों..! 
आपके *शुभचिन्तक* 
*सरकार* ... 
*प्रशासन* ...
*डॉक्टर* ....
आप सभी को सलाह दे रहे हैं कि *इस विपदा से निकलने का एकमात्र उपाय घर के बाहर कदम नहीं रखना है*।इनकी बात मान जाइए। *ये भी एक प्रकार से ईश्वर के ही रूप हैं*।


             इनकी सलाह को ईश्वर की सलाह मानकर इनकी बातों पर अमल करें.! *किसी भी हाल में जब तक बेहद आवश्यक से भी आवश्यक ना हो घर की लक्षमण रेखा ना लांघे।* अपनी बेवकूफी के चलते सभी की जान खतरे में ना डालें।


             *ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना पोजोटिव पाये गये हैं।* यह वायरस अमीर - गरीब , राजा - प्रजा  कुछ नहीं देखता।प्रिंस *चार्ल्स तो इससे ऊबर भी जाएंगे क्योंकि वे राज परिवार के वारिस हैं पर अगर हमको आपको कोरोना हुआ तो फिर भगवान ही मालिक है।* जैसा कि मैंने एक पिछले पोस्ट में लिखा था कि *हमारे अंत समय में हमारे परिजन हमारा मुंह तक नहीं देख पाएंगे।मरने के बाद गुमनाम अज्ञात स्थान पर शव को जला दिया जाएगा।घर वालों को केवल मृत्यु की खबर दी जाएगी।*


                *कोरोना पोजेटिव के आंकड़े सैकड़ों में देखकर ज्यादा खुश मत होइए।* हमारे यहां इसके टेस्ट के लिए पर्याप्त किट उपलब्ध नहीं है। *अभी केवल उनके टेस्ट हो रहे हैं जिनमें इसके लक्षण गंभीर हैं।अतः संख्या केवल सैकड़े में है।अगर हर संभावित की जांच हो तो संख्या कुछ और ही होगी।अतः किसी गफलत में ना रहें।*


                    अगर हमने अपने आप को नहीं संभाला तो *आने वाले दिनों में सरकार कोरोना पोजिटिव , ससपेक्टेड व इससे ठीक होने वाले के आंकड़े जारी करने के बजाय केवल मरने वाले के आंकड़े जारी करेगी...फलाने शहर या राज्य में अभी तक इतने मरे तो फलाने में इतने.....* जरा सोचिए कितना भयानक मंजर होगा वह?


          अतः अब भी संभल जाइए। *घर में राशन की कमी है तो दो रोटी कम खाइए , केवल एक शाम खाइए।* दो रोटी कम खाने के कारण कोई मरता नहीं बल्कि *कम खाना व गम खाना सेहत के लिए फायदे मंद ही होता है*।वैसे भी गर्मियां शुरू हो गयी हैं।इस समय पाचन तंत्र वैसे भी थोड़ा कमजोर हो जाता है अतः खुराक कम करने में ही समझदारी है। *अगर बीमार पड़कर हॉस्पीटल भी गये तो वहां कोई देखने वाला नहीं होगा*।सारे डाक्टर कोरोना के ईलाज में लगे हैं। वैसे भी नवरात्र चल रहे हैं। *एक शाम खाने का आइडिया भी बुरा नहीं है।मजबूरी में ही सही व्रत भी हो जाएगा*।


            *कोरोना से मरने से बेहतर है घर में भूखे मरना*।भूख से केवल एक दो मरेंगे पर केरोना से पूरा घर व मुहल्ला मौत के गाल में जा सकता है। *हरी सब्जी के बदले बड़ी , गट्ठे व चटनी अचार से काम चलाइए पर बाहर हरगिज ना निकलिए।*


            मजबूरी का हवाला देकर इतने निष्ठुर व स्वार्थी नहीं बनिए। *अपनी नहीं तो अपने परिजनों की चिन्ता कीजिए*।सोचिए आपके फोटो फ्रेम में टंग जाने के बाद उनका क्या होगा? 


              *सरकार की सख्ती व उसके द्वारा उठाया गया हर कदम हमारी भलाई के लिए है....* उसका पूरे दिल से सम्मान व पालन करें।


*जान है तो जहान है....*
*वरना यह दुनिया तो एक शमशान है...!!*
 
*एक विनम्र प्रार्थना* - पोस्ट अगर अच्छा लगे तो कॉपी पेस्ट या शेयर आप जो भी कर सकते हैं करके इस मैसेज को आगे बढ़ाएं।आइए " *कोरोना वारियर* " बनें व जन जागृति में इसे आगे बढ़ाएं। लाले महाराज शक्तेशगढ मिर्जापुर उत्तर प्रदेश 
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