कोरोना वायरस असुर नीति की उपज,मानवता को विनष्ट करने की साजिश,सतर्कता बेहद जरुरी

जौनपुर। जीवन स्वाश की धार है। विचार प्रवाह है। चल चला चल मुसाफिर चलता जा,ठहराव तो आयेगा। मोड़ बना, घर में रुकना हुआ। बाहर है तो अमंगल हो सकता है इस समय,घर में है तो मंगल रहेगा। कोरोना घातक वायरस है।जैसे पहले धर्म युग  में असुर तपस्या करके, आज शोध करके, विनाशकारी शक्ति अर्जित करते थे और उसका उपयोग मानवता को नष्ट करने में कर रहे है। कोरोना एक सोची समझी चाल है रणनीति है कोरोना से दुनिया के देशों को हिला कर रख दिया। पहले अपने खुद तबाही फिर दूसरों पर हथियार बनाकर चलाना यह असुरनीति है। अब धर्म नीति का विकास होगा,असुरनीति खत्म होगी, जिसमें दया भावना है ईश्वर का प्रवास है जिसमें क्रुरता है वहअनीति का रास्ता अपनाता है। मानव रुपी मंदिर में भगवान है खोज सको तो खोज लो। लाकडाउन है घर में बैठे है तो खुद के स्वरूप को जानिये और बोध करिये। आनंद की अनुभूति से सराबोर हो जायेगे। माता रानी देश के लोगों की रंछा करिये। दया दीजिये। जेडी सिंह