भारत ने ठाना है कोरोना को हराना है मानव सेवा,माधव सेवा,मानवता की पूजा ही सच्चा धर्म, जान से है जहान



       जौनपुर।   भारत देेश मानवता की वजह से दुनिया में महान है, कोरोना  वायरस की वजह से मानव जीवन को मुश्किलों के     दौर से   गुजरना पड़ रहा है,लाकडाउन है लोग घरों में रह कर जीवन  यापन कर रहे है, जनसेवा के आचरण के तहत भारत सरकार,उत्तर प्रदेश सरकार सहित अन्य राज्यों की सरकारें सेवा भाव से जनता की सेवा में जुटी है।समाज सेवीसंस्थाएं,वुद्धजीवी वर्ग के लोग,अधिकारी,कर्मचारी,सांसद,विधायक,मंत्री,मीडिया के लोग,डाक्टर्स,पुलिस सहित इस महामारी से जन,जन को बचाने में जो लोग भी जुटे है सिर्फ उन्हें मानव हित दिख रहा है। कैसे देश का भला हो सबकी जान बच जाय फिर तो जहान बनने में वक्त नहीं लगेगा, जान से जहान है। जान नहीं तो जहान का मतलब ही क्या है,आइस्ता,आइस्ता सब अच्छा होगा। दुख के बाद सुख की अनुभूति होती है,प्रकृति का ऐसा नियम है। अब हम मानवता की बात करते है आखिर मानवता है क्या।हर दिल को जीत  लेना मानवता है,भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के वैभव को अपने देश के लोग नमन तो कर ही रहे हैं विदेशों में भी उनकी महानता को लोग दिल से स्वीकार कर रहे है। आदर कर रहे है,सत्कार कर रहे है। कोरोना महामारी से पहले देश के आमजन को बचाने के लिये जी जान से प्रयास कर रहे है, मनुष्य ही धरती का श्रृंगार है।प्रकृति की शोभा भी इन्हीं से है। मनुष्य और प्रकृति एक दूसरे के पूरक है,मानव से मानवता है।                      


























 

"मानवता" शब्द का सरल शब्दों में मतलब है, मानव की एकता , इंसानियत  यानि मानवता , हर मानव, चाहे वह किसी भी धर्म  का हो, जाती-पाती का हो, कोई भी देश- शहर का हो, उसका  एक मात्र मकसद  होना चाहिए : मानव-एकता I   देश- विदेशो में सारे संसार में मानव-परिवारों में कई प्रकार की समानताये और असमानताए  होती है , हर मानव की शक्ल-सूरत, रंग-रूप, शारीरिक बनावट , रहन-सहन , सोच-विचार, बोली- भाषा  आदि में समानताये भी होती है ओर उनमे असमानताए भी होती है , लेकिन प्रभु ने हम सब को  पांच तत्वों से ही  बनाया है,छित जल पावक गगन समीरा,पंच रचित यह अधम शरीरा, एक ही माटी है एक जैसे ही पांच तत्व है , इसमें कोई अंतर नही, जब यह सच्ची बात हमारे मन में स्थापित हो जाती है फिर सभी भेद मिट जाते है I   हम इंसानियत की राह पर अग्रसर हो जाते हैं, भाई-चारा स्थापित हो जाता है। 



 मानव धर्म ने इंसान को इंसान से प्यार सिखाया है , मजहब नही सिखाता आपस में वैर रखना " , हम सब एक धरती पर बसने वाले है, इस धरती पर जन्म लेकर हम सब साथ-साथ  जी रहे है,   

 


मानवता से बड़ा कोई भी जीवन में धर्म नही होता है , मगर इंसान मानवता के धर्म  को छोड़कर मानव के बनाये  हुए धर्मो पर चल पड़ता है , क्योंकि यह सब उसके  अज्ञानता के परिणाम होते है कि इंसान  इंसानियत को छोड़कर मानव-धर्मो में जकड़े जाते है , धर्मो की आड़ में  अपने मनो के अन्दर वैर , निंदा, नफरत, अविश्वास, जाती-पाति के भेद  के कारण अभिमान को प्रथामिकता  देते है , इसके कारण ही मानव मूल मकसद को भूल जाता है, मानव जीवन में मानव से प्यार करना भूल गया है, अपने मकसद को भूल गया है, अपने जन्मदात्ता को भूल गया है इससे मानव के मनो में हमेशा दानवता वाले गुण विद्यमान होते जा रहे है , आज हम मानवता को  एक तरफ रखकर अपनी मनमर्जी अनुसार धर्म को कुछ और ही रूप दे रहे है , जिस कारण इंसान और इंसानियत में दूरियां बढ़ रही हैं , कहीं जाति-पाति को मानकर कहीं परमात्मा के नामो को बांटकर तो कभी किसी और कारण से लोगों के  दिलो में नफरत बढती जा रही है , इंसानियत खत्म होती जा रही है , जहाँ पर इंसानियत खत्म होती है वहां पर  धर्म भी खत्म हो जाता है , इंसान, इंसानियत को भूल गया है।


" वसुुधैव कुटुम्बकम"  की भावना आम मानव जीवन में साकार हो, यही सच्ची मानवता है,  मानवता तभी कायम रहेगी जब हम सब मिलकर मानवता को अपने दिलों में मनों में बसायेंगे , हम प्यार से रहें,  दूसरो को खुशिया बाँटें, आबाद करें, ऊच-नीच , जाति-पाति, वैर, निंदा , नफरत की भावना को त्यागकर सारे संसार की सेवा करें,  मानवता की वास्तविक बात तो प्रेम, दया , करुणा, सहनशीलता , ओर विशालता है , महापुरुषों - संतजनों ने हमेशा इंसानियत को यह ही  स्थापित करने का उपदेश दिया है  , मानवता को ही सच्चा धर्म माना है I  मानवता को खत्म करके कभी भी धर्म कायम नही रह सकता है , मानवता को खत्म करके कभी भी धर्म को नही बचाया जा सकता है I वर्तमान समय जो चल रहा है वह जटिल है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी मानवता के आधार पर ही प्रदेश के हर व्यक्ति के जान को बचााने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे है साथ ही जरुरत मंदों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आये इसका पूरा ख्याल शासन,प्रशासन कर रहा है।अभी 

























  हाल ही का एक वाकया है जिलाधिकारी जौनपुर दिनेश कुमार सिंह मड़ियाहू आये थे लाकडाउन का जायजा लेने साथ ही व्यवस्था को भी देख रहे थे जो महामारी को लेकर भविष्य के लिये बनायी गयी है,अक्सर इस समय देखा जा रहा है जिलाधिकारी महोदय गरीबों में खुद जाकर अपने हाथों से भोजन पैकेट बांट रहे है और कुशलक्षेम जान रहे है।पाली के पास के एक गांव में आप जाते हैं एक गरीब परिवार के पास पहुंचते हैं हाल चाल पूछते है भोजन पैकेट देते है इस बीच पूछते है राशन मिला,जबाब आया दस किलों चावल मिला है,गेहूं क्यों नहीं मिला,जबाब था कोटेदार ने सिर्फ चावल देकर बोला गेहूं नहीं मिलेगा।जबकि सात यूनिट का कार्ड है गेहूं चावल मिलाकर पैतीस किलों मिलना चाहिये। एक  वीडियो वायरल है जब देखा तो ऐसा लगा भारत जैसी मानवता और किसी देश में देखने को नहीं मिलेगी। डीएम आपदा की घड़ी में जाकर गरीबों को भोजन का पैकेट बांटे इससे बड़ी मानवता क्या हो सकती है।एक मानवता के पुजारी का और जिक्र करना चाहेंगे। रामनगर विकास खण्ड के डौडी ग्राम पंचायत के प्रधान अनिल कुमार सिंह का।आप दुख के साथी है,गांव के अलावा अन्य गावों में भी किसी को भी मुसीबत है परेशानी है तो जानकारी होते ही सक्रिय हो जाते है और पूरी मदद करते है। मानव सेवा,माधव सेवा है। कोरोना को हराना है ऐसा भारत की जनता ने ठाना है।लाकडाउन का पालन करेंगे,सामाजिक दूरी बनाकर रहेगे,घर में रहेगे।स्वच्छता पर ध्यान देंगे।हम रोटी खायेगे,दूसरों को भी खिलायेगे,कोई भूखा,प्यासा नहीं रहेगा,ऐसा मानव धर्म निभायेंगे। दास जगदीश संपादक सतगुरु दर्पण, सतगुरु धाम बर्राह,इटाए, मड़ियाहू  जौनपुर उत्तर प्रदेश भारत।