जौनपुर। मानवता की सेवा सबसे बड़ी पूजा है। भारत की संस्कृति मे नर सेवा नारायण सेवा की बात साधु संत करते आ रहे है, देश के मंदिरों मे जब सुबह शाम आरती होती है तो भक्त जन और पुजारी एक स्वर में कहते हैं विश्व का कल्याण हो,प्राणियों में सद्भावना हो धर्म की जय हो,अधर्म का नाश हो,एक ऐसी सनातन परम्परा सदियों से चला आ रहा है। धर्म का मतलब अच्छाई से है,अधर्म का मतलब बुराई से है। धर्म में दया, दीनता,करुणा,ईमानदारी,भाईचारा,विश्वास को महत्व दिया जाता है,सभी जीवों पर दया करना,प्रकृति में ईश्वर की अनुभूति करना,खुद के मानव रुपी मंदिर में ईश्वर को देखना,जानना और मानना है।परमेश्वर हर किसी के हृदय में बैठा है।आसुरी शक्ति सदैव दैवीय शक्ति को ऐन,केन प्रकारेण मात देने की भरपूर कोशिश करती रहती है।अन्ततः मुँह की खानी पड़ती हैं,जब,जब भारत की पावन भूमि पर अनाचार,अत्याचार, पापाचार बढ़ा है तब,तब कोई न कोई प्रकृति पुरुष अवतार रुप में विराजमान रहता है और अधर्म का नाश करता है और धर्म को स्थापित करता है, रावण का अत्याचार बढ़ा राम को आना पड़ा। कंस का अत्याचार बढ़ा तो कृष्ण को आना पड़ा।धर्म की स्थापना के लिये महाभारत हुआ। धर्म की स्थापना के लिए राम, रावण युद्ध हुआ,भारत न्याय प्रिय देश है।यहां अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है,जब देश के आन,बान, शान की बात आती है तो भारत माता का हर सपूत अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार हो जाता है और तिरंगा का शान बरकार रखता है।वर्तमान समय में देश संकट के दौर से गुजर रहा है,कोरोना नामक वायरस की चपेट में जहां विश्व के अधिकांश देश है वहीं भारत भी है। समय देखिए ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है, ऐसी समस्या आनी थी तो समाधान के लिये ईश्वर ने व्यवस्था पहले से बना के रंखी है,जिस तरीके से वायरस पर काबू करने का प्रयास जारी है संभवतः आज नहीं तो कल कोरोना हारेगा, मोदी जी ने देश को लाकडाउन किया और कहां कि महाभारत की लड़ाई अठारह दिन चली,इस लड़ाई को एक्कीश दिन में जीतेगे, देश हित में निर्णय लेना और कष्ट के लिए जनता से माफी मांगना। ऐसी महानता भारतीय संस्कृति की देन है। जिसमें पले,बढ़े और राष्ट्र सेवक बनके जनता के दुख को हरने के लिये अपनी पूरी उर्जा लगा दिये हैं,एक उदाहरण और देख लीजिये,उत्तर प्रदेश देवभूमि है राम और कृष्ण सहित अनेकों महापुरुषों की तपोभूमि है। कोरोना का संकट आया तो परमात्मा ने पहले से ही मुख्यमंत्री के रुप में योगी आदित्य नाथ जी को बिठा के रंखा है। जो हर परस्थितिओ से सख्ती से निपटने में माहिर है, विपत्ति के समय में राजाज्ञा का पालन करना हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य है, ऐसा प्रकृति कह रही है, लाकडाउन का पालन करिये,घर में रहीये, यही आप सबका,हम सबका धर्म है। संकट कटेगा,खुशी के बादल छायेगे
मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म,विश्व का कल्याण हो,धर्म की जय,अधर्म का नाश हो,संकट कटेगा, खुशी के बादल छायेगे