रामनगर।जौनपुर। वर्तमान समय में निष्पक्ष पत्रकारिता का अभाव है। प्रेस आजादी नहीं गुलामी की ओर है।दबाव की पत्रकारिता भी कोई पत्रकारिता है।आज पत्रकारों को डरवाया जाता है राजनैतिक आराजकता का बोलबाला है। विश्व के किसी भी राष्ट्र की मीडिया को सबसे पहले अपने राष्ट्र की मूल संस्कृति को बचाने की आवश्यकता है जो उस राष्ट्र की पहचान है।महापुरुषों के विचारों को जितना प्रचारित किया जायेगा उतना ही सभ्य समाज का निर्माण होगा।साकारात्मक विचारधारा अपनाकर विश्व के मानव का कल्याण किया जा सकता है। जो हालात इस समय विश्व के जनमानस के सामने उभर कर आया है वह बहुत ही चिन्तनीय है। कोरोना वायरस जैसे एक घातक विषाणु की वजह से विश्व जनमानस समुदाय संकट से घिरा है मौतों का सिलसिला जारी है,संक्रमण फैल रहा है रुकने का नाम नहीं ले रहा है। संकट के समय संक्रमण काल में विश्व मीडिया के कर्तव्य प्रसंशनीय है।कोरोना आज मीडिया की सुर्खियों में है इसकी हर गतिविधि पर पत्रकारों की नजर है।आम जनमानस के बीच कोरोना व बचाव की जानकारी देकर मीडिया ने महामारी को कमजोर करने की कोशिश की है।भारत के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिन्ट मीडिया का विश्व मीडिया समुदाय में एक अलग ही स्थान है। कोरोना के खात्मा और विश्व युद्ध रोकने की विश्व मीडिया के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है।जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण, जौनपुर, उत्तरप्रदेश, भारत।
भारत की प्रिन्ट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विश्व में विश्वसनीयता के लिए जानी जाती है, दुनिया के पत्रकारों के सामने कोरोना के खात्मा और विश्व युद्ध रोकने की चुनौती