जौनपुर। गांवों में प्रवासी लोगों का आना जारी है।लोग निजी संसाधनों से भी आ रहे हैं।गांव में आते ही चर्चाए शुरु हो जाती है।आने वाले अधिकतर लोग पहले घर जाते है।परिजन,गांव के लोग जब विरोध शुरु करते है।प्रशासन को सूचना देते है। प्रधान से कहते है तब कहीं जाके प्रवासी क्वारंटीन सेन्टर की ओर रुख करते है। रामनगर विकास खण्ड की बात करें तो कुछ प्रधानो की सक्रियता देखी जा रही है जो कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने में दिलचस्पी दिखा रहे है।जबकि कुछ प्रधान लापरवाही बरत रहे है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक रामनगर डा.आलोक कुमार सिंह ने बताया कि 17 अप्रैल से लेकर 8 मई तक 1351लोग बाहर से आये है।जबकि आज 313 लोगों की स्वास्थ्य टीम द्वारा जांच किया गया है। बताया कि 15 लोगों का सैम्पल लिया गया है।जांच के लिए भेजा गया है रिपोर्ट आना बाकी है।कहां कि शासन स्तर से हर ग्रामसभा में निगरानी समिति का गठन किया गया है। जिनके माध्यम से सूचना स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचती है। इसके तुरंत बाद मेडिकल टीम स्वास्थ्य परीक्षण में जुट जाती है।उन्होंने कहां कि 21दिन तक बाहर से आने वाले प्रवासीजन को क्वारंटीन सेन्टर में रहना ही होगा।ऐसा शासन का निर्देश है। आने वाले प्रवासी का धर्म बनता है सरकार के बनाये गये नियमों का पालन करें।खुद सुरक्षित रहे और घर,परिवार गांव को सुरक्षित रंखे। ऐसा देखा जा रहा कुछ ऐसे प्रवासी आये है जो दबंगई पर उतारू है अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते हैं। बाहर से आने के बाद घर में ही रहना चाहते है।जबकि कुछ सज्जन प्रवासी क्वारंटीन सेन्टर में रह रहे हैं। घर के लोग समय, समय से भोजन पहुंचा रहे है।कुछ ऐसे भी प्रवासी है जो घर से दूर एकांतवास में है।आज जरुरत है सबको एकजुट होकर कोरोना संक्रमण को रोकने की।लापरवाही हुई तो गांव में महामारी फैलने से कोई रोक नहीं सकता।निगरानी समिति को कोरोना युद्ध को सख्ती से निपटना होगा। तभी कोरोना की हार होगी, जरा सी चूक से गांव में तेजी से महामारी पाव पसार सकता है ऐसी संभावना बन रही है। जेडी सिंह
दबंग प्रवासी जो अपने आप को ही सबकुछ समझ रहे,क्वारंटीन सेन्टर में न रहकर घर में चाहते हैं रहना,रामनगर में 1351लोग अब तक बाहर से है आये, 15 लोगों का सैम्पल जांच के लिये भेजा गया,रिपोर्ट का है इन्तजार