जौनपुर। समय का चक्र घूम रहा है।इन्सान भी उसी के साथ चल रहा है।समय कब कैसा होगा कहां नहीं जा सकता।मुसीबत इन्सान के परीक्षा की घड़ी होती है।मुश्किल भरा जीवन कुछ न कुछ ऐसा सीख दे जाता है कि आगे का जीवन सुकून भरा होता है।दिव्य आनंद की पराकाष्ठा होती है।कोरोना संकट को ले लीजिए।दुनिया में यह महामारी आयी है।मौतों,संक्रमण होने और लोगों के ठीक होने का दौर चल रहा है।लोग मुसीबत झेलते हुए बेहतर जीवन जीने की कला भी सीख गये हैं।लाकडाउ से मानव समाज का बहुत नुकसान हुआ है तो बहुत से फायदे भी हुए है। आज इन्सान का कायदा ठीक हुआ है।दिनचर्या पहले की अपेक्षा बेहतर हुआ है।संयमित जीवन जीने की लोगों ने आदत डाल ली है।संक्रमण से बचाव किया जा रहा है।मानवीय समाज में तरह,तरह के संक्रमण है यदि एक संक्रमण से बचने की आदत बन गयी तो अन्य संक्रमण से बचा जा सकता है।जिले के डौडी ग्राम सभा के प्रधान अनिल कुमार सिंह कहते है समय, समय पर प्रकृति खुद ब खुद बदलाव करती है और बेहतर कल की तैयार करती है जो मनुष्य के लिए हितकारी होता है। कोरोना काल की एक निश्चित सीमा है।आने वाले दिनों में प्रकृति से ही कोई न कोई मुफीद इलाज इजाद होगा और कोरोना महामारी खत्म होगी।भरोसा ईश्वर पर करिये।जो जगत नियंता है, सर्व मंगलकारी है।दुखों को नाश करने वाला है।जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण जौनपुर उत्तर प्रदेश,भारत।
हे ईश्वर, हे परमेश्वर, कोरोना का है रोना आखिर कब तक