जौनपुर। किसी भी जानकारी के लिए इन्टरनेट की दुनिया से जुड़े लोग गूगल का सहारा लेते है। एक प्रकार से देखा जाय तो गूगल ज्ञान का भंडार है।भारत में गूगल की खास अहिमियत है।खोज की प्रवृत्ति के लिए गूगल देश दुनिया में जाना जाता है।हिन्दुस्तान के उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के रामनगर विकास खण्ड के बहरी ग्राम सभा में प्रवासियों पर खबर लिखने के सिलसिले में पहुंचे थे। प्रधान निर्मला पाठक के दरवाजे पर बैठे थे। उनके पति इन्द्रमणि पाठक दो, तीन बार,गूगल,गूगल कह के पुकार रहे थे।मै सोचा गूगल कौन है,मैने पूछा गूगल कौन तो उन्होंने कहां कि डाबर मैन प्रजाति का कुत्ता है।जिसका नाम गूगल है। उनसे पूछा गया कुत्ते का नाम गूगल क्यों रंखा गया है।उन्होंने कहां कि सन 2014 मे मित्र डाक्टर अजीत गुप्ता भदोही के यहां से बचपन में इसे बटौवा,बहरी लाया गया।इसकी खोजी प्रवृति के कारण इसका नाम गूगल रंखा गया है।बताया कि यदि कोई दूषित मानसिकता लेकर मेरे घर आया तो उसे पहचान जाता है और उसे घर आने के पहले रोक देता है।छोटा बच्चा यदि घर से बाहर पैदल गया तो साथ हो लेता है। रात मे हाई एलर्ट पर रहता है मजाल कोई दरवाजेे तक आ जाय।देखा गया जब परिवार का कोई भी सदस्य गूगल कह के पुकारता है तो तुुरंत दौड कर आता है।आस,पास के लोग भी गूगल कह करके पुुकारतेे है। गूगल शुुुद्ध शाकाहारी भोजन करता है। जेडी सिंह
खोजी प्रवृत्ति के कारण कुत्ते का नाम रंखा गूगल,शुद्ध शाकाहारी भोजन,दूषित मानसिकता पहचानने में महारत हासिल